परिचय:-
अस्थिमंदता, जिसे अंग्रेज़ी में “Astigmatism” कहा जाता है, एक सामान्य दृष्टि समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह आँख की उस अवस्था का वर्णन करता है जिसमें कॉर्निया या लेंस की सतह असमान होती है, जिसके कारण दृष्टि धुंधली हो जाती है। इस समस्या का सीधा असर आंखों के फोकस पर पड़ता है और दूर या पास की वस्तुएं स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देतीं। इस लेख में हम अस्थिमंदता के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें इसके कारण, लक्षण, निदान, और उपचार विधियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अस्थिमंदता क्या है:-
अस्थिमंदता एक प्रकार की दृष्टि दोष है, जिसमें आँख का कॉर्निया या लेंस असमान रूप से वक्रित हो जाता है। जब आँख का कॉर्निया या लेंस गोल न होकर अंडाकार या अंसमान होता है, तो आँख की संरचना में आने वाली प्रकाश किरणें एक समान रूप से फोकस नहीं हो पातीं। इसके परिणामस्वरूप दृष्टि धुंधली हो जाती है और व्यक्ति को देखने में समस्या आती है।
अस्थिमंदता के कारण:-
अस्थिमंदता के कई संभावित कारण होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
1. जन्मजात विकार: अधिकांश मामलों में, अस्थिमंदता जन्म से ही होती है और यह आनुवंशिक हो सकती है। यदि परिवार में किसी को यह समस्या होती है, तो अगली पीढ़ी में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
2. आँख के चोट: आंख पर किसी भी प्रकार की चोट या संक्रमण से कॉर्निया की संरचना प्रभावित हो सकती है, जिससे अस्थिमंदता हो सकती है।
3. आँख की सर्जरी के बाद: कुछ मामलों में आंख की सर्जरी, जैसे कि मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद अस्थिमंदता हो सकती है।
4. केराटोकोनस: केराटोकोनस एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें कॉर्निया पतली हो जाती है और शंकु जैसी आकृति में बदल जाती है। यह अस्थिमंदता का एक विशेष कारण हो सकता है।
अस्थिमंदता के प्रकार:-
अस्थिमंदता को तीन प्रमुख प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
1. नियमित अस्थिमंदता: इस प्रकार की अस्थिमंदता में कॉर्निया की वक्रता एक दिशा में अधिक होती है। यह सबसे सामान्य प्रकार है और आसानी से उपचार योग्य होता है।
2. अनियमित अस्थिमंदता: इस प्रकार में कॉर्निया की वक्रता विभिन्न दिशाओं में अलग-अलग होती है। यह प्रकार सामान्यतया आँख की चोट या किसी रोग के कारण होता है और इसका उपचार मुश्किल हो सकता है।
3. मायोपिक और हाइपरोपिक अस्थिमंदता: मायोपिक अस्थिमंदता में दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं, जबकि हाइपरोपिक अस्थिमंदता में पास की वस्तुएं धुंधली हो जाती हैं।
अस्थिमंदता (Astigmatism)के लक्षण:-
अस्थिमंदता के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं। कुछ आम लक्षण निम्नलिखित हैं:
1. धुंधली दृष्टि: पास या दूर की वस्तुओं को साफ देख पाने में असमर्थता।
2. आँखों में थकान: सामान्य कार्य करने पर भी आँखों में थकान या दबाव महसूस होना।
3. सिरदर्द: अस्थिमंदता के कारण आंखों पर दबाव बढ़ने से सिरदर्द हो सकता है।
4. रात में दृष्टि की समस्या: रात में ड्राइविंग या कम रोशनी में देखने में समस्या।
5. दोहरी दृष्टि: एक ही वस्तु को दो भागों में देखना या वस्तु के चारों ओर छाया दिखना।
अस्थिमंदता (Astigmatism)का निदान:-
अस्थिमंदता का निदान करना बहुत आसान होता है। इसका पता लगाने के लिए नेत्र चिकित्सक द्वारा कुछ परीक्षण किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. रेफ्रेक्शन टेस्ट: इस टेस्ट में चिकित्सक आपकी आँखों के लेंस की माप करते हैं ताकि यह देखा जा सके कि कितनी वक्रता है और किस प्रकार का दृष्टि दोष है।
2. केरेटोमेट्री: इस प्रक्रिया के दौरान, चिकित्सक आपकी कॉर्निया की वक्रता को मापते हैं ताकि अस्थिमंदता की गंभीरता को समझा जा सके।
3. विजुअल एक्यूटी टेस्ट: यह परीक्षण दृष्टि की क्षमता को मापने के लिए किया जाता है, जिसमें आपको विभिन्न अक्षरों या प्रतीकों को पढ़ने के लिए कहा जाता है।
अस्थिमंदता (Astigmatism)का उपचार:-
अस्थिमंदता के लिए कई प्रकार के उपचार उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस: सबसे सामान्य और प्राथमिक उपचार चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस के माध्यम से होता है। विशेष रूप से बनाए गए सिलिंड्रिकल लेंस अस्थिमंदता को सही करने में मदद करते हैं। ये लेंस प्रकाश किरणों को सही दिशा में फोकस करने में मदद करते हैं और दृष्टि को सुधारते हैं।
2. लेज़िक सर्जरी: लेज़िक (LASIK) सर्जरी एक लोकप्रिय प्रक्रिया है जिसमें लेजर की मदद से कॉर्निया की संरचना को ठीक किया जाता है। यह प्रक्रिया स्थायी रूप से अस्थिमंदता को ठीक कर सकती है।
3. ऑर्थो-के (ऑर्थोकेरेटोलॉजी): इस प्रक्रिया में रात के समय विशेष प्रकार के कॉन्टैक्ट लेंस पहने जाते हैं, जो कॉर्निया की वक्रता को अस्थायी रूप से ठीक करते हैं।
4. PRK (Photorefractive Keratectomy): PRK भी लेज़िक की तरह एक लेज़र सर्जरी है, लेकिन इसमें कॉर्निया की ऊपरी परत को हटाकर उसे नया रूप दिया जाता है।
अस्थिमंदता (Astigmatism)के घरेलू उपचार:-
हालांकि अस्थिमंदता का इलाज सर्जरी या लेंस के माध्यम से होता है, लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी दृष्टि को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं:
1. आँखों का व्यायाम: आँखों को गोल-गोल घुमाने और फोकस करने वाले व्यायाम दृष्टि को बेहतर बना सकते हैं।
2. आँखों के लिए विटामिन युक्त आहार: विटामिन A, C, और E युक्त खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, पालक, और नट्स आँखों की सेहत को बेहतर बनाते हैं।
3. आँखों को आराम दें: लगातार कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन पर काम करने से बचें और हर 20 मिनट पर ब्रेक लें।
अस्थिमंदता (Astigmatism)की रोकथाम:-
हालांकि अस्थिमंदता को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ उपाय इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं:
1. नियमित आँख परीक्षण: बच्चों और वयस्कों को नियमित रूप से आँखों की जाँच करवानी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की दृष्टि समस्या का समय रहते पता लगाया जा सके।
2. आँखों की देखभाल: तेज रोशनी या धूल-धूप में काम करते समय आँखों की सुरक्षा के लिए चश्मे पहनें।
3. संतुलित आहार: आँखों की सेहत के लिए विटामिन और खनिजों से भरपूर आहार का सेवन करें।
यह भी पढ़ें- मलाशय कैंसर(Anal cancer)
निष्कर्ष:-
अस्थिमंदता (Astigmatism)एक सामान्य दृष्टि दोष है जिसे चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस, या सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। हालांकि यह एक गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन समय पर उपचार न कराने से दृष्टि की गुणवत्ता में कमी आ सकती है। नियमित नेत्र परीक्षण, संतुलित आहार, और उचित उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप या आपके परिवार में किसी को अस्थिमंदता के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत नेत्र चिकित्सक से परामर्श करें।