खसरा के लक्षण(Khasra Ke Lakshan):- कारण, नुकसान, उपाय और खान-पान

 खसरा क्या है?

खसरा के लक्षण(Khasra Ke Lakshan):-खसरा एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है, जिसे आमतौर पर मीसल्स (Measles) के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। खसरा वायरस से फैलता है और यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से आसानी से फैल सकती है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है और यदि समय पर उपचार नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।

 खसरा के प्रकार

खसरा को सामान्यत: दो प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

1. क्लासिकल खसरा (Classical Measles): यह खसरा का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें लाल रंग के चकत्ते शरीर पर निकलते हैं। यह बीमारी एक विशेष वायरस के कारण होती है और सामान्यत: 7-10 दिनों में ठीक हो जाती है।

2. एटिपिकल खसरा (Atypical Measles): यह प्रकार उन व्यक्तियों में होता है, जिन्हें पहले खसरा का टीका लगाया गया हो या जो पहले खसरा से संक्रमित हो चुके हों। इसमें बीमारी के लक्षण थोड़े भिन्न हो सकते हैं और यह सामान्य खसरा से अधिक गंभीर हो सकता है।

 खसरा के कारण

खसरा का मुख्य कारण एक वायरस है जिसे मीजल्स वायरस (Measles Virus) कहा जाता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस हवा में रह सकता है और संक्रमित व्यक्ति के जाने के कई घंटे बाद तक भी किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। खसरा के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

1. टीकाकरण की कमी: जिन बच्चों को खसरा का टीका नहीं लगा होता है, वे इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

2. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना: खसरा एक संक्रामक बीमारी है और संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से यह तेजी से फैल सकता है।

3. कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र: जिन व्यक्तियों का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है, वे खसरा वायरस से जल्दी प्रभावित हो सकते हैं।

 खसरा (Khasra Ke Lakshan)के नुकसान

खसरा एक गंभीर बीमारी है और इसके कई नुकसान हो सकते हैं, विशेष रूप से यदि इसे समय पर ठीक नहीं किया जाए। कुछ प्रमुख नुकसान इस प्रकार हैं:

1. श्वसन तंत्र संक्रमण: खसरा के कारण श्वसन तंत्र में संक्रमण हो सकता है, जिससे फेफड़े प्रभावित होते हैं और निमोनिया जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

2. मस्तिष्क संक्रमण: खसरा के कारण मस्तिष्क में संक्रमण हो सकता है, जिसे एन्सेफलाइटिस कहा जाता है। यह स्थिति बेहद खतरनाक होती है और इसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

3. आँखों में संक्रमण: खसरा के कारण आँखों में संक्रमण हो सकता है, जिससे आँखों की रोशनी कम हो सकती है या पूर्ण रूप से समाप्त हो सकती है।

4. डायरिया: खसरा के कारण डायरिया हो सकता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और इससे मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

 खसरा के उपाय

खसरा का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने और बीमारी से बचाव के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:

1. टीकाकरण: खसरा से बचने का सबसे अच्छा तरीका है टीकाकरण। बच्चों को नियमित रूप से मीजल्स का टीका लगवाना चाहिए।

2. आराम: संक्रमित व्यक्ति को पूरी तरह आराम करना चाहिए और शारीरिक थकान से बचना चाहिए।

3. स्वच्छता का ध्यान: संक्रमित व्यक्ति के आसपास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए और संक्रमित वस्त्रों और बर्तनों को अलग रखना चाहिए।

4. पानी का सेवन: खसरा के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए अधिक से अधिक पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

5. विटामिन ए का सेवन: खसरा के लक्षणों को कम करने के लिए विटामिन ए का सेवन किया जा सकता है। यह आँखों की रोशनी को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

 खसरा के दौरान खान-पान

खसरा के दौरान सही खान-पान बीमारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन खसरा के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है:

1. तरल पदार्थ: खसरा के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए तरल पदार्थ जैसे पानी, नारियल पानी, फलों का रस आदि का सेवन करना चाहिए।

2. सूप और दलिया: हल्के सूप और दलिया का सेवन शरीर को पोषण प्रदान करने में सहायक होता है।

3. फल और सब्जियां: खसरा के दौरान विटामिन सी युक्त फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए, जैसे संतरा, नींबू, गाजर, पालक आदि।

4. दूध और डेयरी उत्पाद: खसरा के दौरान दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है।

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(Khasra Ke Lakshan)

 निष्कर्ष

खसरा के लक्षण(Khasra Ke Lakshan):-खसरा एक गंभीर बीमारी है, जो खासकर बच्चों को प्रभावित करती है। इस बीमारी से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है टीकाकरण। इसके साथ ही, यदि खसरा हो जाए तो उपर्युक्त उपायों का पालन करके इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है और बीमारी से बचाव किया जा सकता है। सही खान-पान और स्वच्छता का ध्यान रखने से भी इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।

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