गले का कैंसर (Gale ka cancer):लक्षण,रोकथाम और घरेलू उपाय

गले का कैंसर (Gale ka cancer) आजकल एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। यह कैंसर गले की विभिन्न संरचनाओं जैसे वोकल कॉर्ड, स्वरयंत्र, और फैरिंक्स में हो सकता है। यह बीमारी धीरे – धीरे बढ़ती है और समय पर उपचार न होने पर घातक साबित हो सकती है। आइए इस लेख में हम गले के कैंसर के बारे में विस्तार से जानें, इसके शुरुआती लक्षणों से लेकर उपचार और रोकथाम तक।

(Gale ka cancer)
(Gale ka cancer)

 1. गले का कैंसर क्या है:-

गले का कैंसर, गले के ऊतकों में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि से होता है। यह कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं के विपरीत लगातार विभाजित होती रहती हैं और ट्यूमर का रूप लेती हैं। यह कैंसर गले के विभिन्न हिस्सों में हो सकता है, जैसे:

 →  स्वरयंत्र (Larynx)  →  जिसमें आवाज उत्पन्न होती है।

 →  फैरिंक्स (Pharynx)  →  जो नाक और मुंह को श्वसन तंत्र से जोड़ता है।

 →  अमिग्डाला (Tonsils) और ग्लॉटिस भी इस कैंसर से प्रभावित हो सकते हैं।

 2. गले के कैंसर (Gale ka cancer)के प्रकार:-

गले का कैंसर मुख्यतः दो प्रकार का होता है:

 →  फैरिंजियल कैंसर (Pharyngeal Cancer): यह कैंसर फैरिंक्स के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है।

 →  लैरिंजियल कैंसर (Laryngeal Cancer): यह कैंसर स्वरयंत्र को प्रभावित करता है, जो बोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 3. गले के कैंसर (Gale ka cancer) के कारण:-

गले के कैंसर के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

 →  धूम्रपान और तंबाकू: धूम्रपान और तंबाकू का सेवन गले के कैंसर का सबसे प्रमुख कारण है।

 →  अल्कोहल का अत्यधिक सेवन: अल्कोहल का अधिक सेवन भी इस कैंसर का एक बड़ा कारण हो सकता है।

 →  मानव पेपिलोमावायरस (HPV): यह एक यौन संचारित संक्रमण है, जो गले के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।

 →  कठोर आहार और स्वास्थ्य संबंधी आदतें: खराब आहार, पोषक तत्वों की कमी, और हानिकारक रासायनिक पदार्थों के संपर्क में आने से भी कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

 4. प्रारंभिक लक्षण:-

गले के कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर अनदेखे रह जाते हैं क्योंकि ये सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं की तरह लगते हैं। लेकिन अगर निम्नलिखित लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है:

 →  गले में लगातार खराश

 →  निगलने में कठिनाई

 →  आवाज में बदलाव, जैसे भारीपन या कर्कशता

 →  कान में दर्द

 →  बिना कारण वजन में कमी

 →  गर्दन या गले में गांठ

 5. गले के कैंसर(Gale ka cancer) के स्टेज:-

गले का कैंसर धीरे – धीरे बढ़ता है और इसे चार चरणों (Stages) में विभाजित किया गया है:

 →  स्टेज 1: कैंसर छोटे आकार का होता है और सिर्फ एक ही हिस्से में सीमित रहता है।

 →  स्टेज 2: कैंसर थोड़ा बढ़कर आसपास के ऊतकों को प्रभावित करने लगता है।

 →  स्टेज 3: कैंसर आसपास के लसिका ग्रंथियों में फैल जाता है।

 →  स्टेज 4: यह सबसे गंभीर अवस्था होती है जिसमें कैंसर शरीर के अन्य अंगों में फैल जाता है।

 6. गले के कैंसर से होने वाली जटिलताएं:-

यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो गले के कैंसर से कई प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं:

 →  बोलने में कठिनाई: स्वरयंत्र को प्रभावित करने वाला कैंसर बोलने की क्षमता पर असर डाल सकता है।

 →  निगलने में परेशानी: कैंसर के कारण खाना निगलने में तकलीफ हो सकती है।

 →  श्वसन समस्याएं: गले के ट्यूमर श्वास नली को संकुचित कर सकते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

 →  मेटास्टेसिस: कैंसर अन्य अंगों में फैल सकता है, जैसे फेफड़े, यकृत, या हड्डियाँ।

 7. गले के कैंसर (Gale ka cancer)का निदान

गले के कैंसर का निदान विभिन्न परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है:

 →  बायोप्सी: गले की संदिग्ध कोशिकाओं का नमूना लेकर उनकी जांच की जाती है।

 →  इमेजिंग टेस्ट: सीटी स्कैन, एमआरआई, और एक्स – रे जैसे टेस्ट के माध्यम से गले के कैंसर का पता लगाया जाता है।

 →  एंडोस्कोपी: एंडोस्कोप की मदद से डॉक्टर गले की आंतरिक संरचना की जांच करते हैं।

 8. उपचार के विकल्प:-

गले के कैंसर का उपचार कैंसर की अवस्था, स्थान, और मरीज की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। निम्नलिखित उपचार विधियाँ मुख्य रूप से अपनाई जाती हैं:

 →  सर्जरी: प्रारंभिक चरण में ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।

 →  रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन किरणों के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।

 →  कीमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए केमिकल दवाओं का उपयोग किया जाता है।

 →  इम्यूनोथेरेपी: यह विधि शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है ताकि वह कैंसर कोशिकाओं से लड़ सके।

 9. रोकथाम और घरेलू उपाय:-

गले के कैंसर को रोकने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा सकता है:

 →  धूम्रपान और शराब से बचें: तंबाकू और शराब का सेवन गले के कैंसर का प्रमुख कारण है, इसलिए इनसे बचना अत्यंत आवश्यक है।

 →  स्वस्थ आहार: विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार गले के कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।

 →  एचपीवी वैक्सीन: एचपीवी वायरस से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीन लेना चाहिए।

 →  नियमित जांच: अगर कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ताकि कैंसर की शुरुआत में ही उसका इलाज हो सके।

 10. गले के कैंसर से जुड़ी भ्रांतियाँ:-

कई लोगों के मन में गले के कैंसर को लेकर विभिन्न भ्रांतियाँ होती हैं, जो कि निम्नलिखित हैं:

 →  केवल धूम्रपान करने वालों को कैंसर होता है: हालांकि धूम्रपान कैंसर का एक बड़ा कारण है, लेकिन बिना धूम्रपान करने वालों में भी यह बीमारी हो सकती है।

 →  यह बीमारी लाइलाज है: प्रारंभिक चरण में इसका इलाज संभव है और मरीज़ पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं।

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 निष्कर्ष:-

गले का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर निदान और उचित उपचार से इसे काबू किया जा सकता है। जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर, जैसे तंबाकू और अल्कोहल से दूरी, स्वस्थ आहार, और नियमित जांच कराकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं।

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