पेट का कैंसर के लक्षण:-स्टेज और उपचार

 पेट का कैंसर क्या है:-

पेट का कैंसर के लक्षण:-पेट का कैंसर, जिसे मेडिकल भाषा में गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric Cancer) कहा जाता है, पेट की अंदरूनी परत से शुरू होता है और धीरे→धीरे अन्य अंगों में फैल सकता है। यह कैंसर पेट के टिश्यू में अनियंत्रित रूप से कोशिकाओं के बढ़ने के कारण होता है। पेट का कैंसर आमतौर पर उन लोगों में पाया जाता है जिनकी आयु 50 वर्ष से अधिक होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

पेट का कैंसर के लक्षण
पेट का कैंसर के लक्षण

 पेट का कैंसर के लक्षण

पेट के कैंसर की पहचान शुरुआत में कठिन होती है क्योंकि इसके लक्षण अन्य आम पेट की समस्याओं से मिलते→जुलते हैं। कुछ सामान्य शुरुआती लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

→ लगातार अपच या सीने में जलन

→ पेट में दर्द या असहजता

→ भूख की कमी

→ बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना

→ खाना निगलने में कठिनाई

→ उल्टी या मिचली

→ मल में खून आना या काले रंग का मल

 पेट के कैंसर की स्टेज (Stages of Stomach Cancer):-

पेट के कैंसर को स्टेजों में विभाजित किया जाता है ताकि बीमारी के फैलाव और गंभीरता को समझा जा सके। मुख्य रूप से इसे चार चरणों (स्टेज) में बाँटा जाता है:

1. स्टेज 0 (Stage 0): इस चरण में कैंसर केवल पेट की अंदरूनी परत तक सीमित होता है और अन्य टिश्यू या अंगों में नहीं फैलता।

2. स्टेज 1 (Stage 1): कैंसर की कोशिकाएँ पेट की दीवार की अंदरूनी परत तक फैल जाती हैं और आस→पास के लिंफ नोड्स में भी पहुँच सकती हैं।

3. स्टेज 2 (Stage 2): इस चरण में कैंसर पेट की मांसपेशियों की परतों तक फैल जाता है और कई लिंफ नोड्स को प्रभावित कर सकता है।

4. स्टेज 3 (Stage 3): कैंसर पेट की बाहरी परत तक फैल जाता है और आस→पास के अंगों जैसे कि लिवर, पैनक्रियास या स्प्लीन तक भी पहुँच सकता है।

5. स्टेज 4 (Stage 4): इस चरण में कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों जैसे कि लिवर, फेफड़े, हड्डियों या मस्तिष्क में फैल चुका होता है।

 पेट के कैंसर के कारण:-

पेट के कैंसर के विकास के पीछे कई कारक हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

→ हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) संक्रमण: यह बैक्टीरिया पेट के अंदर जलन और अल्सर का कारण बनता है, जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकता है।

→ अनियमित खानपान: ज्यादा नमकीन, तला हुआ, मसालेदार या प्रोसेस्ड फूड का सेवन पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।

→ धूम्रपान और शराब: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन भी पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

→ अनुवांशिक कारण: यदि परिवार में किसी को पेट का कैंसर रहा हो, तो इसकी संभावना अधिक होती है।

→ आयु और लिंग: पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा पेट का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है, और यह बीमारी वृद्ध लोगों में अधिक पाई जाती है।

 पेट के कैंसर से जुड़ी समस्याएँ:-

पेट का कैंसर शरीर में कई प्रकार की समस्याओं का कारण बनता है:

→ मल और रक्तस्राव: मल में खून आना या पेट में रक्तस्राव एक सामान्य समस्या हो सकती है।

→ कमजोरी और थकान: शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होना आम है क्योंकि कैंसर शरीर के ऊर्जा स्रोतों को नष्ट करता है।

→ भोजन की समस्या: भोजन निगलने में कठिनाई और भूख न लगना पेट के कैंसर की प्रमुख समस्याओं में से हैं।

→ आंतरिक अंगों में सूजन: जैसे→जैसे कैंसर बढ़ता है, यह आंतरिक अंगों में सूजन का कारण बन सकता है।

 पेट के कैंसर का उपचार:-

पेट के कैंसर का इलाज इसकी स्टेज और मरीज़ की स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य उपचार विधियाँ निम्नलिखित हैं:

1. सर्जरी: कैंसर के शुरुआती चरण में सर्जरी से पेट के प्रभावित हिस्से को हटाया जा सकता है। यदि कैंसर बहुत ज्यादा फैल चुका है, तो सर्जरी से पूरी पेट को निकालना पड़ सकता है।

2. कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कीमोथेरेपी कैंसर की कोशिकाओं को मारने के लिए दी जाने वाली दवाओं का उपयोग करती है। इसे सर्जरी से पहले या बाद में दिया जा सकता है।

3. रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy): यह इलाज कैंसर के ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए विकिरण का उपयोग करता है। इसे सर्जरी से पहले या बाद में उपयोग किया जा सकता है।

4. इम्यून थेरेपी (Immunotherapy): यह इलाज शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करता है। यह विशेष रूप से उन मरीजों के लिए उपयोगी होता है जिनका कैंसर अन्य इलाजों से नहीं सुधरता।

5. लक्ष्यित उपचार (Targeted Therapy): यह इलाज उन कैंसर कोशिकाओं पर निशाना साधता है जो अन्य टिश्यू से अलग होती हैं। इसे खासतौर पर कैंसर की कुछ विशेष किस्मों के लिए उपयोग किया जाता है।

 पेट के कैंसर से बचाव:-

हालांकि पेट के कैंसर से बचने के लिए 100% सुरक्षित उपाय नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियों को अपनाकर इसके खतरे को कम किया जा सकता है:

1. स्वस्थ आहार: ताजे फल, सब्जियाँ, और फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। प्रोसेस्ड और नमकीन खाद्य पदार्थों से बचें।

2. धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन पेट के कैंसर का मुख्य कारण हो सकता है, इसलिए इसे त्यागें।

3. हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण का इलाज: अगर आपको H. Pylori संक्रमण का संदेह हो, तो डॉक्टर से इलाज कराएँ।

4. वजन नियंत्रित रखें: अधिक वजन से पेट के कैंसर का खतरा बढ़ता है, इसलिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करें।

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 निष्कर्ष:-

पेट का कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो सही समय पर पहचाने जाने पर ठीक हो सकता है। इसके लक्षणों की सही पहचान और समय पर इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। स्वस्थ आहार, धूम्रपान और शराब से परहेज, और नियमित जांच पेट के कैंसर से बचाव के मुख्य उपाय हो सकते हैं।

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