पोलियो के लक्षण:-पोलियो, जिसे पोलियोमाइलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जो पोलियोवायरस के कारण होती है। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है और अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह जीवनभर के लिए विकलांगता या यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है। हालांकि, पोलियो का टीकाकरण आज के समय में अधिकांश देशों में इसे नियंत्रित करने में सहायक रहा है, लेकिन इसके बारे में जागरूकता और सतर्कता की जरूरत आज भी बनी हुई है।
पोलियो के प्रकार (Types of Polio)
पोलियो मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है:
1. सबक्लिनिकल पोलियो: इस प्रकार के पोलियो में लक्षण हल्के होते हैं और यह वायरस प्रभावित व्यक्ति के न्यूरल टिशूज़ को प्रभावित नहीं करता है। इसमें हल्का बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, उल्टी, और थकान हो सकती है। यह अपने आप ठीक हो जाता है और किसी विशेष इलाज की आवश्यकता नहीं होती।
2. नॉन-पैरालिटिक पोलियो: इस प्रकार के पोलियो में व्यक्ति को फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, और मांसपेशियों में दर्द। इस प्रकार का पोलियो न्यूरल टिशूज़ को हल्का नुकसान पहुंचाता है, लेकिन इससे पक्षाघात (पैरालिसिस) नहीं होता।
3. पैरालिटिक पोलियो: यह पोलियो का सबसे गंभीर प्रकार है, जो मांसपेशियों में कमजोरी, फ्लेसीड पैरालिसिस (मांसपेशियों में ढीलापन), और श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। यह वायरस रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल कॉर्ड) और मस्तिष्क को प्रभावित करता है, जिससे गंभीर विकलांगता हो सकती है।
पोलियो के लक्षण (Symptoms of polio)
पोलियो वायरस आमतौर पर मल-मौखिक मार्ग (fecal-oral route) के माध्यम से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति का मल या दूषित पानी और भोजन इस वायरस को फैलाने का मुख्य स्रोत होते हैं। वायरस मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और आंतों में जाकर वृद्धि करता है। फिर यह रक्त के माध्यम से नर्वस सिस्टम तक पहुंच सकता है और मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाले न्यूरॉन्स को नष्ट कर सकता है।
पोलियो के नुकसान (Effects of Polio)
पोलियो से उत्पन्न होने वाले नुकसान व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य की स्थिति, और पोलियो के प्रकार पर निर्भर करते हैं। पोलियो का सबसे गंभीर नुकसान है:
– पैरालिसिस: पोलियो के कारण मांसपेशियों में कमजोरी और ढीलापन आ सकता है, जो कि व्यक्ति के चलने-फिरने की क्षमता को समाप्त कर सकता है।
– मृत्यु: जब पोलियो वायरस श्वसन संबंधी मांसपेशियों को प्रभावित करता है, तो यह श्वसन विफलता का कारण बन सकता है, जिससे मौत भी हो सकती है।
– विकलांगता: पोलियो का गंभीर संक्रमण स्थायी विकलांगता का कारण बन सकता है, जिससे व्यक्ति का दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है।
पोलियो का उपचार (Treatment of Polio)
पोलियो का कोई विशेष उपचार नहीं है, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम हैं। अगर पोलियो हो भी जाता है, तो निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
– शारीरिक थेरेपी: मांसपेशियों को मजबूत करने और फ्लेसीड पैरालिसिस को रोकने के लिए थेरेपी महत्वपूर्ण है।
– समर्थन उपकरण: पोलियो से प्रभावित व्यक्तियों को चलने में मदद के लिए ब्रेसेस, व्हीलचेयर, और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है।
– स्वास-यंत्र: गंभीर मामलों में, श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए वेंटिलेटर या स्वास-यंत्र का उपयोग किया जा सकता है।
– टीकाकरण: यह सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावी तरीका है जिससे पोलियो से बचाव हो सकता है। पोलियो वैक्सीन (ओरल पोलियो वैक्सीन या आईपीवी) इस बीमारी की रोकथाम में मुख्य भूमिका निभाता है।
पोलियो से बचाव के उपाय (Preventive Measures)
– टीकाकरण: सभी बच्चों को समय पर पोलियो वैक्सीन दिलवाना चाहिए। यह टीकाकरण तीन खुराक में होता है और इसे जन्म के बाद प्रारंभिक महीनों में दिया जाता है।
– स्वच्छता: साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि भोजन से पहले और बाद में हाथ धोना, स्वच्छ पानी पीना, और खाने में साफ-सफाई रखना।
– सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं: सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे पोलियो उन्मूलन कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।
पोलियो में खानपान (Diet in Polio)
पोलियो से प्रभावित व्यक्ति को पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है ताकि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। इसके लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
– प्रोटीन युक्त आहार: मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए प्रोटीन युक्त आहार जैसे दालें, सोया, दूध, और अंडे का सेवन करें।
– विटामिन और मिनरल्स: हरी सब्जियों, फलों, और सूखे मेवों में पाए जाने वाले विटामिन और मिनरल्स का सेवन करें जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
– हाइड्रेशन: शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं और इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय पदार्थ लें।
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निष्कर्ष (Conclusion)
पोलियो के लक्षण:-पोलियो एक गंभीर और संभावित रूप से जीवन-धमकाने वाली बीमारी है, लेकिन समय पर टीकाकरण और सावधानी से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। समाज को इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि पोलियो से बचाव संभव है और इसके लिए सही समय पर टीकाकरण बेहद जरूरी है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं का सही तरीके से उपयोग और स्वच्छता का ध्यान रखना भी अनिवार्य है। पोलियो के बारे में जागरूकता फैलाने और इसके रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।