मलाशय का कैंसर के लक्षण (Rectal Cancer)

मलाशय का कैंसर, (Rectal Cancer) जिसे रेक्टल कैंसर कहा जाता है, मलाशय (रेक्टम) की आंत में विकसित होने वाला एक गंभीर प्रकार का कैंसर है। मलाशय पाचन तंत्र के आखिरी हिस्से में आता है, जहां भोजन के अपशिष्ट को संग्रहित किया जाता है। यह कैंसर तब होता है जब मलाशय की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होने लगती है, जो अंततः कैंसर में बदल जाती है।

इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि मलाशय का कैंसर क्या है, इसके लक्षण, स्टेज, इसके कारण, क्या समस्याएँ होती हैं, और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।

मलाशय का कैंसर के लक्षण (Rectal Cancer)
मलाशय का कैंसर के लक्षण (Rectal Cancer)

 मलाशय का कैंसर क्या है:-

मलाशय का कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो मलाशय की आंतों में विकसित होता है। यह तब होता है जब मलाशय की दीवार में कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इस कैंसर की शुरुआत आमतौर पर छोटी कोशिकाओं के असामान्य विकास से होती है, जो पॉलीप्स कहलाती हैं। पॉलीप्स शुरू में सामान्य होते हैं, लेकिन समय के साथ कैंसर का रूप ले सकते हैं।

 मलाशय के कैंसर के कारण:-

इस कैंसर के प्रमुख कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

1. आनुवंशिकता (Genetics): अगर परिवार में किसी को पहले से मलाशय का कैंसर रहा हो, तो इसकी संभावना अधिक होती है।

2. आहार (Diet): उच्च वसा, मांस, और कम फाइबर वाले आहार के सेवन से मलाशय का कैंसर होने का जोखिम बढ़ता है।

3. धूम्रपान और शराब (Smoking and Alcohol): धूम्रपान और अधिक शराब के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

4. मोटापा (Obesity): अधिक वजन होने से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है।

5. उम्र (Age): 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में मलाशय का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।

 मलाशय के कैंसर (Rectal Cancer)के लक्षण:-

मलाशय के कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान करना थोड़ा कठिन हो सकता है क्योंकि यह अन्य सामान्य समस्याओं जैसे कब्ज, बवासीर, और आंतों की सूजन से मेल खा सकते हैं। फिर भी, कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

1. मल में खून आना: मलाशय के कैंसर का सबसे सामान्य लक्षण मल में खून आना होता है। यह खून मल के साथ मिलकर गहरे रंग का हो सकता है।

2. कब्ज या दस्त: मलाशय में कैंसर होने से मल त्यागने में दिक्कत हो सकती है।

3. वजन घटाना: बिना किसी स्पष्ट कारण के तेजी से वजन घटाना भी एक लक्षण हो सकता है।

4. थकान: कैंसर से ग्रसित व्यक्ति लगातार थका हुआ महसूस कर सकता है।

5. पेट में दर्द: पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द रह सकता है।

 मलाशय के कैंसर के स्टेज (Stages of Rectal Cancer):-

कैंसर की स्टेज से यह पता चलता है कि कैंसर कितना फैला हुआ है। मलाशय के कैंसर को आमतौर पर निम्नलिखित स्टेजों में विभाजित किया जाता है:

1. स्टेज 0 (Stage 0): यह सबसे प्रारंभिक स्टेज होती है, जिसमें कैंसर की कोशिकाएँ केवल मलाशय की दीवार में ही होती हैं और अन्य भागों में नहीं फैली होतीं।

2. स्टेज 1 (Stage 1): इस स्टेज में कैंसर मलाशय की दीवार में थोड़ा गहराई तक पहुँच चुका होता है, लेकिन आस-पास के अंगों में नहीं फैला होता।

3. स्टेज 2 (Stage 2): इस स्टेज में कैंसर आस-पास के ऊतकों में फैलना शुरू कर चुका होता है, लेकिन लिम्फ नोड्स तक नहीं पहुँचा होता।

4. स्टेज 3 (Stage 3): अब कैंसर लिम्फ नोड्स तक फैल चुका होता है, जो शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने का संकेत हो सकता है।

5. स्टेज 4 (Stage 4): इस स्टेज में कैंसर शरीर के अन्य भागों, जैसे यकृत या फेफड़ों में फैल चुका होता है। यह मलाशय के कैंसर की अंतिम और सबसे गंभीर स्टेज मानी जाती है।

 मलाशय के कैंसर(Rectal Cancer) से जुड़ी समस्याएँ:-

मलाशय का कैंसर कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:

1. पाचन संबंधी समस्याएँ: कैंसर के कारण पाचन तंत्र की प्रक्रिया में गड़बड़ी आ सकती है, जिससे पेट में दर्द, कब्ज, और दस्त की समस्या होती है।

2. सर्जरी के बाद की समस्याएँ: मलाशय के कैंसर के इलाज के लिए की गई सर्जरी के बाद व्यक्ति को मल त्यागने में कठिनाई हो सकती है।

3. मानसिक तनाव: कैंसर होने की खबर से मानसिक तनाव बढ़ सकता है, जो व्यक्ति के दैनिक जीवन पर असर डालता है।

4. शरीर में कमजोरी: कैंसर के कारण शरीर कमजोर हो जाता है और थकान का अनुभव होता है।

 मलाशय के कैंसर के उपचार (Treatment of Rectal Cancer):-

मलाशय के कैंसर का इलाज स्टेज और कैंसर के फैलाव पर निर्भर करता है। इसमें निम्नलिखित उपचार विकल्प शामिल हो सकते हैं:

1. सर्जरी (Surgery): कैंसर को हटाने के लिए सर्जरी सबसे सामान्य उपचार है, खासकर प्रारंभिक स्टेज में।

2. कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कीमोथेरेपी का उपयोग कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है। इसे सर्जरी से पहले या बाद में दिया जा सकता है।

3. रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy): इस थेरेपी में कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए विकिरण का उपयोग किया जाता है।

4. इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy): इम्यूनोथेरेपी का उपयोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है ताकि वह कैंसर से लड़ सके।

 मलाशय के कैंसर (Rectal Cancer)से बचाव के उपाय:-

मलाशय के कैंसर से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

1. स्वस्थ आहार (Healthy Diet): फाइबर युक्त आहार, ताजे फल और सब्जियों का सेवन करने से मलाशय के कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।

2. नियमित व्यायाम (Regular Exercise): नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर फिट रहता है और कैंसर का खतरा कम होता है।

3. धूम्रपान और शराब से बचें (Avoid Smoking and Alcohol): धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखने से कैंसर की संभावना कम हो जाती है।

4. वजन नियंत्रित रखें (Maintain a Healthy Weight): अपने वजन को नियंत्रित रखें और मोटापे से बचें।

5. नियमित जांच (Regular Screening): अगर आप उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं, तो नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराएँ।

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 निष्कर्ष:-

मलाशय का कैंसर (Rectal Cancer)गंभीर बीमारी हो सकता है, लेकिन यदि इसे शुरुआती चरणों में पहचान लिया जाए, तो इसका उपचार संभव है। इस कैंसर से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाना बेहद महत्वपूर्ण है। कैंसर से बचाव और इलाज के लिए जागरूकता और सही जानकारी होना अनिवार्य है।

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