लार ग्रंथि का कैंसर (Lar granthi ka Cancer): क्या है, लक्षण, स्टेज, और उपचार:-

परिचय:-

लार ग्रंथि का कैंसर (Lar granthi ka Cancer) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर प्रकार का कैंसर है जो मुख में स्थित लार ग्रंथियों में उत्पन्न होता है। यह ग्रंथियां लार का उत्पादन करती हैं, जो मुंह को नम बनाए रखने और पाचन में सहायक होती हैं। यह कैंसर किसी भी आयु वर्ग में हो सकता है, लेकिन अक्सर यह बुजुर्गों में देखा जाता है। इस लेख में हम लार ग्रंथि के कैंसर के सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे जैसे कि इसके लक्षण, स्टेज, समस्याएं, और उपचार विकल्प।

लार ग्रंथि का कैंसर (Lar granthi ka Cancer)
लार ग्रंथि का कैंसर (Lar granthi ka Cancer)

लार ग्रंथि (Lar granthi)क्या है:-

लार ग्रंथियां मुख के अंदर स्थित छोटी-छोटी ग्रंथियां होती हैं जो लार का निर्माण करती हैं। ये लार ग्रंथियां तीन प्रमुख प्रकार की होती हैं:

1. पैरोटिड ग्रंथि: ये मुख के दोनों ओर कान के पास स्थित होती हैं और सबसे बड़ी लार ग्रंथि होती हैं।

2. सबमैंडिबुलर ग्रंथि: ये निचले जबड़े के नीचे स्थित होती हैं।

3. सबलिंगुअल ग्रंथि: ये जीभ के नीचे स्थित होती हैं।

लार ग्रंथि (Lar granthi)के कैंसर के कारण:-

लार ग्रंथि के कैंसर के कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ प्रमुख कारण जो इस कैंसर को जन्म दे सकते हैं:

1. तंबाकू और शराब का अत्यधिक सेवन: तंबाकू और शराब के अत्यधिक उपयोग से इस प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

2. रेडिएशन: चेहरे और गर्दन पर अत्यधिक रेडिएशन के संपर्क में आने से लार ग्रंथियों में कैंसर हो सकता है।

3. पारिवारिक इतिहास: जिनके परिवार में पहले से कैंसर के मामले होते हैं, उनमें इस कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

4. उम्र और लिंग: उम्र बढ़ने के साथ इस कैंसर का खतरा भी बढ़ता है, और यह पुरुषों में अधिक देखा जाता है।

 (Lar granthi) के लक्षण:-

लार ग्रंथि के कैंसर के शुरूआती लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है क्योंकि शुरुआती चरण में इसे पहचानने से इलाज की संभावना बढ़ जाती है। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

1. मुंह या चेहरे में गांठ: लार ग्रंथि के क्षेत्र में दर्दरहित गांठ का बनना।

2. मुंह या गले में दर्द: इस क्षेत्र में अचानक और अनियंत्रित दर्द।

3. जबड़े में सूजन: जबड़े के पास सूजन होना जो धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।

4. चेहरे का एक हिस्सा सुन्न होना: चेहरे के किसी हिस्से में अचानक सुन्नता का अनुभव।

5. चबाने या निगलने में कठिनाई: खाना चबाने या निगलने में कठिनाई आना।

6. मुंह से बदबू आना: मुंह से दुर्गंध या स्वाद का लगातार खराब रहना।

(Lar granthi) के स्टेज

लार ग्रंथि का कैंसर अलग-अलग चरणों में विकसित होता है। इसका सही समय पर निदान महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्टेज के आधार पर इलाज के परिणाम भिन्न हो सकते हैं।

1. स्टेज 1: कैंसर केवल लार ग्रंथि तक सीमित होता है और इसका आकार छोटा (2 सेमी से कम) होता है। इस चरण में लक्षण हल्के होते हैं और इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

2. स्टेज 2: कैंसर का आकार बढ़कर 4 सेमी तक पहुंच जाता है, लेकिन यह अभी भी लार ग्रंथि के बाहर नहीं फैला होता है। दर्द और गांठ प्रमुख लक्षण होते हैं।

3. स्टेज 3: कैंसर अब लार ग्रंथि से बाहर अन्य आस-पास के ऊतकों में फैल जाता है। इस चरण में दर्द, सूजन, और चेहरे में सुन्नता जैसे लक्षण गंभीर हो सकते हैं।

4. स्टेज 4: यह अंतिम और सबसे गंभीर चरण होता है, जिसमें कैंसर न सिर्फ लार ग्रंथियों में बल्कि आस-पास के अंगों और लिंफ नोड्स में भी फैल जाता है। इस स्टेज में चबाने, निगलने और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

निदान कैसे किया जाता है:-

लार ग्रंथि के कैंसर का निदान करने के लिए डॉक्टर विभिन्न प्रकार की जांचों का सहारा लेते हैं:

1. बायोप्सी: प्रभावित क्षेत्र से ऊतक का सैंपल लिया जाता है और उसका माइक्रोस्कोप से परीक्षण किया जाता है।

2. MRI और CT स्कैन: शरीर के आंतरिक अंगों की स्थिति और कैंसर के फैलाव की जांच करने के लिए इन स्कैन का उपयोग किया जाता है।

3. फाइन नीडल एस्पिरेशन (FNA): एक पतली सुई के माध्यम से गांठ से तरल पदार्थ निकाला जाता है और उसकी जांच की जाती है।

लार ग्रंथि के कैंसर से संबंधित समस्याएं:-

लार ग्रंथि का कैंसर सिर्फ लार ग्रंथियों को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि इसके कारण कई और समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं:

1. चेहरे की नसों को क्षति: कैंसर ग्रंथि के आसपास की नसों पर दबाव डालता है, जिससे चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी और सुन्नता आ सकती है।

2. स्वाद और लार उत्पादन में कमी: लार उत्पादन की कमी से भोजन को निगलने में कठिनाई और मुंह सूखने की समस्या हो सकती है।

3. श्वसन समस्याएं: स्टेज 4 में पहुंचने पर कैंसर सांस की नलियों को प्रभावित कर सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।

 उपचार विकल्प:-

लार ग्रंथि के कैंसर का उपचार कैंसर की स्टेज और उसके फैलाव के आधार पर निर्धारित किया जाता है। कुछ प्रमुख उपचार विधियां निम्नलिखित हैं:

1. सर्जरी: शुरुआती चरणों में सर्जरी के माध्यम से ट्यूमर को हटाया जा सकता है। अगर कैंसर ग्रंथि से बाहर फैल चुका है, तो प्रभावित हिस्से को भी निकालने की आवश्यकता हो सकती है।

2. रेडियोथेरेपी: कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रेडिएशन का उपयोग किया जाता है। यह सर्जरी के बाद बची हुई कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में सहायक होता है।

3. कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी का उपयोग तब किया जाता है जब कैंसर अन्य अंगों में फैल चुका हो। यह कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रसायनों का उपयोग करता है।

4. इम्यूनोथेरेपी: इम्यूनोथेरेपी का उपयोग शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए किया जाता है ताकि वह कैंसर कोशिकाओं से लड़ सके।

लार ग्रंथि के कैंसर से बचाव के उपाय:-

लार ग्रंथि के कैंसर से बचाव के लिए कुछ साधारण सावधानियां अपनाई जा सकती हैं:

1. तंबाकू और शराब से बचाव: तंबाकू और शराब का सेवन कम से कम करें, क्योंकि यह लार ग्रंथि के कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है।

2. स्वस्थ आहार: एक संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए।

3. रेडिएशन से बचाव: चेहरे और गर्दन पर अनावश्यक रेडिएशन के संपर्क से बचें।

4. नियमित स्वास्थ्य जांच: समय-समय पर डॉक्टर से अपनी स्वास्थ्य जांच करवाते रहें, ताकि शुरुआती चरण में कैंसर का पता चल सके।

यह भी पढ़ें- पेरिटोनियल कैंसर के लक्षण

निष्कर्ष:-

लार ग्रंथि (Lar granthi)का कैंसर एक गंभीर समस्या हो सकता है, लेकिन अगर इसे समय पर पहचाना और इलाज किया जाए, तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इस कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें। स्वस्थ जीवनशैली और तंबाकू तथा शराब के सेवन से बचाव इस कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

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