सर्वाइकल दर्द के लक्षण: कारण और घरेलू उपचार

परिचय

सर्वाइकल दर्द के लक्षण:-सर्वाइकल, जिसे गर्दन का दर्द भी कहा जाता है, आजकल एक आम समस्या बन चुकी है। यह समस्या विशेष रूप से उन लोगों में अधिक देखने को मिलती है, जो लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते हैं या गलत तरीके से बैठते हैं। इस लेख में, हम सर्वाइकल के कारण, लक्षण, और घरेलू उपचारों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

सर्वाइकल दर्द के लक्षण
सर्वाइकल दर्द के लक्षण

सर्वाइकल के कारण

1. गलत मुद्रा: लंबे समय तक गलत तरीके से बैठना, झुककर काम करना या सोने की गलत मुद्रा अपनाने से सर्वाइकल की समस्या हो सकती है।

2. स्ट्रेस: मानसिक तनाव और चिंता भी सर्वाइकल दर्द का एक प्रमुख कारण हो सकते हैं। तनाव के कारण मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है, जिससे दर्द उत्पन्न होता है।

3. अचानक चोट: कोई अचानक चोट या दुर्घटना के कारण भी सर्वाइकल दर्द हो सकता है, जैसे कि गर्दन पर चोट लगना या झटका लगना।

4. कैल्शियम की कमी: शरीर में कैल्शियम और विटामिन D की कमी के कारण हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं, जिससे सर्वाइकल की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

5. आयु बढ़ना: उम्र के साथ-साथ हड्डियों और जोड़ों की स्थिति में बदलाव आ सकता है, जो सर्वाइकल दर्द का कारण बन सकता है।

सर्वाइकल दर्द के लक्षण

1. गर्दन में दर्द: सर्वाइकल का सबसे प्रमुख लक्षण गर्दन में दर्द होना है। यह दर्द स्थायी हो सकता है या समय-समय पर बढ़ सकता है।

2. कंधों और हाथों में दर्द: कई बार सर्वाइकल के कारण दर्द कंधों और हाथों में भी फैल सकता है। इसके कारण हाथों में कमजोरी और झनझनाहट महसूस हो सकती है।

3. सिरदर्द: गर्दन की नसों में दबाव पड़ने के कारण सिरदर्द हो सकता है, जो गर्दन के पीछे से शुरू होकर पूरे सिर में फैल सकता है।

4. गर्दन की गतिशीलता में कमी: सर्वाइकल के कारण गर्दन को घुमाने में कठिनाई हो सकती है और उसकी गतिशीलता कम हो सकती है।

5. चक्कर आना: कभी-कभी सर्वाइकल की समस्या के कारण चक्कर आना या असंतुलन महसूस हो सकता है।

सर्वाइकल के लिए घरेलू उपचार

1. गरम पानी से सिकाई: गरम पानी की सिकाई से दर्द और सूजन में राहत मिल सकती है। एक तौलिया को गरम पानी में भिगोकर उसे गर्दन पर रखें। इससे रक्त संचार बढ़ेगा और दर्द में आराम मिलेगा।

2. हल्दी का सेवन: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर दिन में एक बार पिएं।

3. अलसी के बीज: अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो सूजन को कम करता है। इन्हें अपने भोजन में शामिल करें या इनका तेल मालिश के लिए प्रयोग करें।

4. योग और व्यायाम: योग और व्यायाम से गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है। कुछ आसान योगासन जैसे भुजंगासन, मकरासन और ताड़ासन सर्वाइकल दर्द में राहत दिला सकते हैं।

5. सोंठ और गुड़: सोंठ और गुड़ का सेवन सर्वाइकल के दर्द में राहत देता है। एक चम्मच सोंठ पाउडर और गुड़ को मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करें।

6. बर्फ की सिकाई: यदि दर्द अचानक शुरू हुआ है, तो बर्फ की सिकाई से सूजन और दर्द में तुरंत आराम मिल सकता है। बर्फ को तौलिया में लपेटकर 10-15 मिनट के लिए गर्दन पर लगाएं।

7. तुलसी का काढ़ा: तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिएं। यह सूजन को कम करता है और दर्द में राहत दिलाता है।

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सर्वाइकल से बचाव के उपाय

1. सही मुद्रा अपनाएं: हमेशा सही मुद्रा में बैठें और सोएं। गर्दन को हमेशा सीधा रखें और कुर्सी पर बैठते समय पीठ का समर्थन करें।

2. सही तकिए का प्रयोग: सोने के लिए सही आकार और ऊंचाई का तकिया चुनें। यह सुनिश्चित करें कि तकिया बहुत ऊंचा या बहुत नीचा न हो।

3. काम के दौरान ब्रेक लें: यदि आप लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते हैं, तो हर आधे घंटे में थोड़ा ब्रेक लें और गर्दन को आराम दें।

4. स्ट्रेस को कम करें: ध्यान, प्राणायाम और योग के माध्यम से मानसिक तनाव को कम करें। स्ट्रेस से गर्दन के दर्द में वृद्धि हो सकती है।

5. संतुलित आहार लें: अपने आहार में कैल्शियम और विटामिन D को शामिल करें। इससे हड्डियाँ मजबूत रहेंगी और सर्वाइकल की समस्या से बचाव होगा।

निष्कर्ष

सर्वाइकल की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर उपचार और सही आदतें अपनाने से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। ऊपर बताए गए घरेलू उपचार सर्वाइकल दर्द में राहत दिलाने में सहायक हो सकते हैं, लेकिन यदि दर्द अधिक हो या लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

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