जीभ का फटना(Cracked Tongue):लक्षण और घरेलू उपचार

जीभ का फटना (Cracked Tongue), जिसे वैज्ञानिक रूप से “फिशरिंग” या “फिसरड जीभ” कहा जाता है, एक सामान्य लेकिन असहज स्थिति है। इसमें जीभ पर गहरी दरारें या खांचे दिखाई देते हैं, जो कभी-कभी दर्दनाक हो सकते हैं। यह समस्या तब होती है जब जीभ की सतह की परत में दरारें और खांचे आ जाते हैं। यह स्थिति कई बार उम्र के साथ या किसी अन्य स्वास्थ समस्या के कारण उत्पन्न हो सकती है।

(Cracked Tongue)
(Cracked Tongue)

जीभ का फटना(Cracked Tongue) क्या है:-

जीभ का फटना एक ऐसी स्थिति है जिसमें जीभ की सतह पर दरारें और खांचे विकसित हो जाते हैं। यह दरारें गहरी या उथली हो सकती हैं, और इनका आकार अलग-अलग हो सकता है। यह स्थिति स्थायी हो सकती है या समय के साथ बदल सकती है। ज्यादातर मामलों में यह हानिरहित होती है, लेकिन कभी-कभी यह असुविधाजनक और दर्दनाक हो सकती है, खासकर जब संक्रमण का खतरा हो।

जीभ के फटने (Cracked Tongue)के कारण:-

जीभ का फटना कई कारणों से हो सकता है, और यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत हो सकता है। कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

1. पोषक तत्वों की कमी: जीभ का फटना विटामिन बी, जिंक, और आयरन की कमी के कारण हो सकता है। इन तत्वों की कमी से जीभ की सतह कमजोर हो जाती है, जिससे दरारें उत्पन्न हो जाती हैं।

2. डिहाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी से जीभ सूख जाती है और दरारें पड़ जाती हैं। इसलिए, जीभ का फटना डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है।

3. एजिंग (उम्र बढ़ने): उम्र के साथ, हमारी त्वचा की तरह जीभ भी पतली और संवेदनशील हो जाती है। बुजुर्गों में जीभ का फटना एक सामान्य समस्या होती है।

4. हर्पीस सिंप्लेक्स: हर्पीस वायरस के कारण भी जीभ पर दरारें और छाले हो सकते हैं, जो अत्यधिक दर्दनाक होते हैं।

5. सिगरेट पीना और शराब का सेवन: सिगरेट और शराब के अत्यधिक सेवन से जीभ की संरचना कमजोर हो जाती है, जिससे इसका फटना संभव हो सकता है।

6. मसूड़ों और दांतों की बीमारियाँ: कुछ दांतों और मसूड़ों की बीमारियाँ, जैसे पेरियोडोंटाइटिस, जीभ को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे यह फट सकती है।

7. जेनेटिक फैक्टर: कुछ लोगों में जीभ का फटना आनुवांशिक होता है। यदि आपके परिवार में यह समस्या रही है, तो आपको भी इसका सामना करना पड़ सकता है।

8. अलर्जी और संक्रमण: कुछ खाद्य पदार्थों या दवाइयों से एलर्जी होने पर जीभ पर दरारें पड़ सकती हैं। साथ ही, फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण भी इसका कारण हो सकते हैं।

जीभ के फटने (Cracked Tongue)के लक्षण:-

जीभ के फटने के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

जीभ की सतह पर गहरी दरारें या खांचे।

जीभ में असामान्य बनावट और स्वरूप।

दरारों के आसपास सूजन या जलन।

कुछ मामलों में दर्द या संवेदनशीलता।

मसालों या गरम खाने के बाद जलन।

कुछ लोगों को स्वाद के परिवर्तन का अनुभव हो सकता है।

जीभ का फटना और इसके अन्य रोगों से संबंध:-

जीभ का फटना कुछ अन्य स्वास्थ्य स्थितियों से भी जुड़ा हो सकता है:

1. ग्लोसोडाइनिया (बर्निंग माउथ सिंड्रोम): इसमें व्यक्ति को जीभ में जलन का अनुभव होता है, जिससे जीभ फट सकती है।

2. जिंक की कमी: जिंक की कमी से जीभ में सूजन, लालिमा, और दरारें उत्पन्न हो सकती हैं।

3. स्क्लेरोडर्मा: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें त्वचा और अन्य अंगों में कठोरता आती है, जो जीभ को भी प्रभावित कर सकती है।

जीभ के फटने (Cracked Tongue)का उपचार:-

जीभ के फटने का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह किस कारण से हो रहा है। कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

1. पोषण की पूर्ति: यदि आपके शरीर में विटामिन या मिनरल की कमी के कारण जीभ फट रही है, तो विटामिन बी, जिंक, और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अंडे, और मछली इसके अच्छे स्रोत हो सकते हैं।

2. हाइड्रेशन: शरीर में पानी की उचित मात्रा बनाए रखने के लिए दिनभर में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं। यह आपकी जीभ को सूखने से बचाएगा और दरारों को ठीक करेगा।

3. एंटीसेप्टिक माउथवॉश का उपयोग: मुँह की सफाई और जीभ के संक्रमण को रोकने के लिए एंटीसेप्टिक माउथवॉश का उपयोग करें। इससे बैक्टीरिया और फंगस का प्रभाव कम होगा।

4. दांतों की सफाई: मुँह की स्वच्छता बनाए रखें। दांतों को नियमित रूप से साफ करें और फ्लॉस का उपयोग करें। यह जीभ पर बैक्टीरिया के जमाव को रोकेगा।

5. एलर्जी का इलाज: यदि जीभ का फटना किसी खाद्य पदार्थ या दवा से एलर्जी के कारण हो रहा है, तो इसे तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर की सलाह लें।

6. फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का इलाज: यदि जीभ का फटना संक्रमण के कारण है, तो एंटीफंगल या एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करें। यह संक्रमण को नियंत्रित करेगा और जीभ को ठीक करेगा।

(Cracked Tongue)घरेलू उपाय:-

जीभ के फटने के कुछ घरेलू उपचार भी होते हैं, जिनसे राहत पाई जा सकती है। निम्नलिखित कुछ प्रभावी उपाय हैं:

1. नारियल तेल: नारियल तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो संक्रमण को रोकते हैं। इसे हल्के से जीभ पर लगाएं और कुछ समय के लिए छोड़ दें।

2. एलोवेरा जेल: एलोवेरा में एंटीबैक्टीरियल और हीलिंग गुण होते हैं। इसे जीभ पर लगाने से दर्द और सूजन कम होती है।

3. नमक का पानी: नमक के पानी से कुल्ला करने से जीभ के बैक्टीरिया का नाश होता है और यह जीभ को साफ रखता है। यह फंगल इंफेक्शन से भी बचाता है।

4. हल्दी और शहद का मिश्रण: हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और शहद में हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं। इन दोनों का मिश्रण जीभ पर लगाने से दरारें जल्दी भरती हैं।

5. शीतल पेय पदार्थ: दही, छाछ और अन्य शीतल पेय पदार्थ जीभ की जलन को शांत करने में मदद करते हैं।

6. नींबू और शहद का मिश्रण: नींबू में विटामिन सी और शहद में जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इसे जीभ पर लगाने से दरारों में राहत मिलती है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें:-

यदि घरेलू उपचारों से राहत नहीं मिलती या दरारें बहुत गहरी हो जाती हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है। कुछ स्थितियों में जीभ का फटना गंभीर रोगों का संकेत हो सकता है, इसलिए समय पर चिकित्सीय सहायता लेना जरूरी है।

जीभ का फटना (Cracked Tongue)रोकने के उपाय:-

1. मुँह की स्वच्छता: मुँह की स्वच्छता बनाए रखें और दिन में कम से कम दो बार दांत साफ करें।

2. पोषण युक्त आहार: संतुलित आहार लें और विटामिन और मिनरल से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

3. धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें, क्योंकि ये जीभ को नुकसान पहुंचाते हैं।

4. पर्याप्त पानी पिएं: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

5. एलर्जी की पहचान करें: यदि किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी होती है तो उसे पहचानें और उससे बचें।

यह भी पढ़ें- जीभ पर खुजली

निष्कर्ष:-

जीभ का फटना (Cracked Tongue) एक असुविधाजनक लेकिन सामान्य समस्या है। इसे सही देखभाल, पोषण, और स्वच्छता से ठीक किया जा सकता है। अगर समय पर ध्यान दिया जाए और सही उपचार किया जाए, तो यह समस्या जल्दी ठीक हो सकती

Leave a Comment