धमनियों का फटना (Dhamniyon Ka Fatna)| कारण,लक्षण और घरेलू उपाय

धमनी का फटना या एनेयूरिज्म (Dhamniyon Ka Fatna) एक गंभीर स्थिति है जिसमें किसी धमनियों की दीवार कमजोर हो जाती है और वह फूलकर फट सकती है। यह स्थिति व्यक्ति के जीवन के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकती है, क्योंकि धमनी के फटने से आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है। इस लेख में हम धमनी फटने की समस्या को विस्तार से समझेंगे, इसके कारण, लक्षण, बचाव के उपाय और इलाज की जानकारी देंगे।

धमनी फटने की परिभाषा:-

धमनी फटना या एनेयूरिज्म तब होता है जब धमनियों की दीवारों में कमजोरी आ जाती है, जिससे वे फूलकर गुब्बारे जैसी हो जाती हैं। जब यह गुब्बारा फटता है, तो अत्यधिक मात्रा में खून धमनियों से बाहर निकलता है, जोकि शरीर के अंगों और जीवन के लिए घातक हो सकता है।

 धमनी फटने के प्रकार:-

एनेयूरिज्म विभिन्न धमनियों में हो सकता है, और इसके आधार पर इसे विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाता है:

1. सेरेब्रल एनेयूरिज्म: यह मस्तिष्क में होता है और इसे ब्रेन एनेयूरिज्म भी कहा जाता है।

2. एब्डॉमिनल एऑर्टिक एनेयूरिज्म: यह पेट में होती है और एब्डॉमिनल धमनियों को प्रभावित करती है।

3. थोरेसिक एनेयूरिज्म: यह छाती में होता है और ह्रदय के पास की धमनियों को प्रभावित करता है।

धमनी फटने के कारण:-

धमनी फटने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

1. धमनी में ब्लॉकेज: धमनियों में ब्लॉकेज या रुकावट के कारण दीवारों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे दीवार कमजोर हो जाती है।

2. उच्च रक्तचाप: लगातार उच्च रक्तचाप धमनियों की दीवारों को कमजोर कर सकता है।

3. धूम्रपान: धूम्रपान धमनियों को कठोर और कमजोर बना देता है।

4. अनुवांशिक कारक: जिनके परिवार में एनेयूरिज्म का इतिहास होता है, उन्हें यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है।

5. अधिक उम्र: उम्र बढ़ने के साथ धमनियों की दीवारों की लोच कम हो जाती है, जिससे एनेयूरिज्म का खतरा बढ़ जाता है।

धमनी फटने के लक्षण:-

एनेयूरिज्म के लक्षण इस पर निर्भर करते हैं कि यह शरीर के किस हिस्से में हुआ है। कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

1. सिरदर्द: सेरेब्रल एनेयूरिज्म की स्थिति में अचानक अत्यधिक तेज़ सिरदर्द हो सकता है।

2. चक्कर आना: मस्तिष्क में होने वाले एनेयूरिज्म से चक्कर आना और बेहोशी हो सकती है।

3. धड़कन महसूस होना: पेट में धमनी फटने की स्थिति में पेट में धड़कन महसूस हो सकती है।

4. धड़कन का अनियमित होना: ह्रदय के पास की धमनी फटने पर धड़कन अनियमित हो सकती है।

5. शरीर के किसी हिस्से में अचानक कमजोरी: सेरेब्रल एनेयूरिज्म होने पर चेहरे, बाजू या टांग में अचानक कमजोरी महसूस हो सकती है।

धमनी फटने की जटिलताएं:-

धमनी फटने की स्थिति में कई गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे:

1. मस्तिष्क में रक्तस्राव: सेरेब्रल एनेयूरिज्म की स्थिति में मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है, जिससे स्ट्रोक या कोमा की स्थिति पैदा हो सकती है।

2. अंगों का क्षतिग्रस्त होना: एब्डॉमिनल या थोरेसिक एनेयूरिज्म की स्थिति में आंतरिक अंगों में गंभीर क्षति हो सकती है।

3. रक्तचाप में कमी: धमनी फटने से रक्तचाप तेजी से गिर सकता है, जिससे शॉक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

4. मृत्यु: एनेयूरिज्म अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है।

धमनी फटने की रोकथाम:-

धमनी फटने की समस्या से बचाव संभव है, अगर आप कुछ सावधानियों का पालन करें:

1. रक्तचाप नियंत्रण: नियमित रूप से अपने रक्तचाप की जांच कराएं और उसे नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर द्वारा बताए गए उपायों को अपनाएं।

2. धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान से धमनियों की स्थिति बिगड़ती है, इसलिए इसे छोड़ना बेहद आवश्यक है।

3. स्वस्थ आहार: वसा और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर भोजन से बचें और फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें।

4. व्यायाम करें: नियमित व्यायाम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और धमनियों को मजबूत बनाता है।

5. अनुवांशिक जांच: अगर आपके परिवार में एनेयूरिज्म का इतिहास है, तो समय-समय पर जांच करवाना उचित होता है।

(Dhamniyon Ka Fatna)और इलाज:-

धमनी फटने के इलाज के कई तरीके होते हैं, जो एनेयूरिज्म के स्थान और गंभीरता पर निर्भर करते हैं:

1. सर्जरी: अगर एनेयूरिज्म बड़ा और गंभीर है, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। सर्जरी के माध्यम से धमनी की कमजोर दीवार को मरम्मत किया जाता है।

2. एंडोवास्कुलर कोइलिंग: यह प्रक्रिया सेरेब्रल एनेयूरिज्म के लिए की जाती है, जिसमें एक छोटे तार को एनेयूरिज्म की जगह पर डालकर इसे ब्लॉक कर दिया जाता है ताकि रक्त वहां से न गुजरे।

3. बायपास सर्जरी: यदि धमनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हो, तो बायपास सर्जरी के माध्यम से नई धमनी का निर्माण किया जा सकता है।

4. रक्तचाप कम करने वाली दवाएं: डॉक्टर रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवाएं देते हैं ताकि एनेयूरिज्म को और खराब होने से बचाया जा सके।

घरेलू उपाय और सावधानियां:-

धमनी फटने से बचने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय और सावधानियां भी अपना सकते हैं:

1. लहसुन का सेवन: लहसुन धमनियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।

2. ध्यान और योग: ध्यान और योग से मानसिक तनाव कम होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

3. ग्रीन टी का सेवन: ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो धमनियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

4. नींबू का पानी: नियमित रूप से नींबू का पानी पीने से धमनियों में जमा वसा कम होती है, जिससे धमनियों की दीवारें मजबूत रहती हैं।

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(Dhamniyon Ka Fatna)

निष्कर्ष:-

धमनी का फटना एक गंभीर और खतरनाक समस्या है, लेकिन इसे रोका जा सकता है। नियमित स्वास्थ्य जांच, स्वस्थ जीवनशैली और सावधानी बरतने से इस समस्या से बचा जा सकता है। अगर धमनी फटने के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है ताकि समय रहते उपचार किया जा सके।

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