क्या आपको पता है कि (mitti k bartan) मिट्टी लोहा और ताँबे हम जिस धातु के बने बर्तनों में खाना खाते हैं या बनाते हैं, उन बर्तनों से हमारे शरीर में क्या क्या लाभ और क्या क्या हानि हो सकती है।
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mitti k bartan में खाना पकाने और खाने के फायदे–
(mitti k bartan)मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं, जो व्यक्ति के शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है। इस बात को आधुनिक विज्ञान भी साबित कर चुका है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने और खाने से बहुत रोग अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार अगर भोजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो मिट्टी के बर्तनों में ही खाना बनाना चाहिए, अगर हम (mitti k bartan) मिट्टी के बर्तन में खाना बनाते हैं
तो धीमी आंच पर ही खाना पकाएं, अगर खाना धीरे-धीरे पकता है तो बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट हो जाता है,(mitti k bartan) मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से थोड़ा समय तो लगता है लेकिन खाना बहुत ही स्वादिष्ट बनता है। दूध और दूध से बने उत्पादों को अगर आप मिट्टी के बर्तन में बनाते हैं तो पूरे के पूरे 100% पोषक तत्व हमें मिलते हैं। मिट्टी के बर्तन में खाना खाने में भी अलग स्वाद आता है। अगर व्यक्ति को रोग मुक्त और लंबी जिंदगी जीनी है तो उसके लिए व्यक्ति को मिट्टी के बर्तन में ही खाना बनाना चाहिए।
स्टील के बर्तनों में खाना बनाने और खाने के फायदे –
स्टील के बर्तन नुकसानदायक नहीं होते हैं, क्योंकि ये ना तो गर्म से क्रिया करते हैं और ना ही अम्ल से, इसलिए स्टील के बर्तनों में खाना बनाने से या खाने से कोई नुकसान नहीं होता है। अगर देखा जाए तो स्टील के बर्तनों में खाना बनाने से या खाने से ना ही तो कोई नुकसान होता है ना ही कोई लाभ होता है।
लोहे के बर्तनों में खाना बनाने के फायदे –
लोहे के बर्तनों में बने भोजन के खाने से शरीर की शक्ति बढ़ती है। लोहे के तत्व शरीर के जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ाता है, लोहा कई रोगों को खत्म करता है, जैसे शरीर में सूजन, पांडु रोग, शरीर का पीलापन, कमला रोग, पीलिया आदि रोगों को शरीर से दूर रखता है।
नोट – ध्यान दें लोहे के बर्तनों में कभी खाना नहीं खाना चाहिए क्यों कि लोहे के बर्तन में खाना खाने से बुद्धि कम होती है और दिमाग का नाश होता है इसलिए लोगों के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए लेकिन लोहे के बर्तन में दूध पी सकते हैं।
पीतल के बर्तन में खाना पकाने और खाने के फायदे –
अगर आप पीतल के बर्तन में खाना पकाते हैं तो यह लाभकारी साबित होता है क्योंकि पीतल के बर्तन में खाना बनने से मात्र सात प्रतिशत ही पोषक तत्व खत्म होते हैं, इसलिए पीतल के बर्तन में खाना खाना और बनाना लाभकारी है।
अल्युमिनियम के बर्तन में खाना खाने और बनाने से क्या क्या लाभ और क्या क्या हानि हो सकती है –
अल्युमिनियम बॉक्साइट का बना होता है। अल्युमिनियम में बने खाना खाने से शरीर को सिर्फ नुकसान ही होता है, क्योंकि आयरन और कैल्सियम को सोखता है। इसलिए अल्युमिनियम से बने बर्तन उपयोग में नहीं लानी चाहिए। इससे हड्डियां कमजोर होती हैं, मानसिक बीमारियां होती हैं, लीवर और नर्वस सिस्टम को छती पहुंचती है, इसके साथ साथ किडनी फेल होना, टीवी, अस्थमा, शुगर, दमा, और बात रोग जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए अल्मुनियम के बर्तन में खाना नहीं बनाना चाहिए और नाहीं खाना चाहिए।
तांबे के बर्तन के फायदे –
तांबे के बर्तन में पानी पीने से व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है, खून साफ होता है, स्मरण शक्ति बढ़ती है, लिवर संबंधित परेशानियां दूर होती है, और शरीर के हानिकारक तत्व खत्म होते हैं, इसलिए तांबे के बर्तन में हमेशा पानी रखकर पिएं, जिससे शरीर रोग मुक्त रहे।
नोट – तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए अगर दूध पीते हैं तो हमारे शरीर को हानि पहुंचती है।
सोने के बर्तन में खाना बनाने और खाने के फायदे –
सोना एक गम धातु है। सोने से बने पात्र में खाना बनाने या खाने से शरीर के दोनों हिस्से बाहरी और आंतरिक मजबूत, कठोर, ताकतवर और बलवान होते हैं। और आंखों की रोशनी भी अच्छी होती है।
चांदी के बर्तन में खाना बनाने और खाने के फायदे –
चांदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाती है, शरीर को शांत रखती है, चांदी के पात्र में भोजन बनाने या खाने से दिमाग तेज होता है। आंखों में कोई परेशानी नहीं होती है। इसके अलावा पित्त दोष, कफ और वायु दोष नियंत्रण रहते हैं।
कांसे के बर्तन में खाना बनाने और खाने के फायदे –
कांसे से के बर्तन में खाना पकाने से केवल तीन प्रतिशत ही पोषक तत्व खत्म होते हैं। कांसे के बर्तन में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है, रक्त साफ होता है, रक्तपित शांत रहता है, और भूख बढ़ती है।
नोट –
कांसे के बर्तन में खट्टी चीज नहीं परोसनी चाहिए नहीं रखनी चाहिए क्योंकि खट्टी चीज धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती हैं, जो शरीर को नुकसान देती हैं।